*श्याम संगीत सृजन संस्थान प्रधान कार्यालय रेलवे काॅलोनी सक्ती में गोस्वामी तुलसी दास जी की जयंती उत्साह पूर्वक मनाई गई*
*श्याम संगीत सृजन संस्थान प्रधान कार्यालय रेलवे काॅलोनी सक्ती में गोस्वामी तुलसी दास जी की जयंती उत्साह पूर्वक मनाई गई*
*अंतरराष्ट्रीय आनलाइन तुलसी जयंती काव्य गोष्ठी समारोह सम्पन्न*
*देश-विदेश के विशिष्ट रचनाकारों द्वारा गोस्वामी तुलसीदास जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए काव्य पाठ किया गया*
हमर छत्तीसगढ़ न्यूज नारायण राठौर
समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. मंजरी अरविंद गुरु रायपुर द्वारा भारतीय कला संस्कृति विषय पर सारगर्भित प्रकाश डालते हुए गोस्वामी तुलसीदास बाबाजी को भारतीय सनातन संस्कृति के संरक्षक एवं श्रीरामचरितमानस के साथ ही साथ विभिन्न ग्रंथों के अद्भुत रचयिता व श्रीरामचन्द्र जी के परम भक्त निरूपित करते हुए उन्हें श्रद्धा भाव से नमन वंदन समर्पित किया गया।
श्याम संगीत सृजन संस्थान के संस्थापक व अध्यक्ष, संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी की अध्यक्षता में संस्थान स्थापना के 25 वें वर्ष में “रजत जयंती वर्ष” का यह द्वितीय अंतरराष्ट्रीय आनलाइन काव्य गोष्ठी समारोह संपन्न हुआ। संगीतज्ञ- श्री चन्द्रा जी द्वारा उपस्थित अतिथियों को गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए रचनाकारों के स्वागत में कहा गया :–
हम सब का सौभाग्य बढ़ाने, आये हैं श्रीमान्।
स्वागत है श्रद्धा के सुमन से, स्वीकारें सम्मान।।
तत्पश्चात् उनके द्वारा बताया गया कि आज ही जैसे इसी प्रकार से विभिन्न सृजनात्मक विषय पर विशिष्ट रचनाकारों के सहयोग से प्रत्येक माह, “बारह माह में बारह पुस्तक” लेखन संपादन कर विमोचन कार्यक्रम पूरे वर्ष भर संचालित किया जाएगा। (प्रथम)- दिनांक 02 जुलाई को “ये जिनगी के सुरता” का विमोचन किया गया, (दूसरा)- माह अगस्त में “तुलसी चरित ग्रंथ” पुस्तक का विमोचन किया जाएगा, (तीसरा)- माह सितंबर में “मोर छत्तीसगढ़ महतारी” विषय पर पुस्तक लेखन किया जाएगा यह क्रम लगातार जारी रहेगा, उन्होंने दोहे प्रस्तुति क्रम में कहा :–
बाबा तुलसीदास की, जीवन यात्रा सार।
रामचरितमानस कथा, महिमा अपरम्पार।।
समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में कोलकाता के साहित्य त्रिवेणी (मासिक पत्रिका) के संपादक डॉ. कुंवर वीर सिंह ‘मार्तण्ड’ जी द्वारा गोस्वामी तुलसीदास जी की जीवनी से संबंधित अपने स्वरचित दोहे के माध्यम से कहा गया:–
आओ तुलसी दास की, बोलें जय जयकार।
राम नाम का लें सदा, कभी न होगी हार।।
वर्जीनिया यूएसए अमेरिका से प्रसिद्ध कवयित्री व लेखिका श्रीमती मन्जु श्रीवास्तव ‘मन’ द्वारा कहा गया :–
रामचरितमानस लिखा, हुआ जगत में मान।
पढ़-पढ़ जग मोहित हुआ, जय जय जय श्रीराम।।
हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी पंचकूला हरियाणा संस्कृत प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. चित्तरंजन दयाल सिंह “कौशल” जी द्वारा कहा गया :–
बाबा तुलसीदास जी, मेरे मन के इष्ट।
मानस जो पढ़ते सदा, उनके मिटें अनिष्ट।।
राजकोट गुजरात से प्रोफेसर डॉ. भावना सावलिया जी द्वारा:– कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर बहुत ही मधुर वाणी व भाव श्रद्धा के साथ भारतीय कला संस्कृति की आराध्य देवी मां सरस्वती जी की वंदना गायन किया गया एवं काव्य पाठ के क्रम में उन्होंने कहा :–
किया समन्वय के लिए, रामचरित का गान।
भारतीय संस्कृति हुई, जग में पुनः महान।।
जोधपुर राजस्थान से प्रसिद्ध कवयित्री व लेखिका श्रीमती सुनीता शेखावत जी द्वारा बहुत ही भावपूर्ण मनभावन प्रस्तुति ने समस्त उपस्थित अतिथियों का मन प्रफुल्लित कर दिया गया दोहे क्रम में उन्होंने कहा:-
चार वेद वेदांत के, ज्योतिष गुरु महान।
परम ज्ञाता तुलसी जी, करें हृदय गुनगान।।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर राजस्थान से डॉ. संजीदा खानम् ‘शाहीन’ द्वारा कहा गया कि गोस्वामी तुलसीदास जी एक महान संत और एक महान कवि थे, उनके द्वारा महान ग्रंथ रामचरित मानस लिखी वह श्रीराम भक्त थे, उनकी कविता सर्वकालिक है, इनकी रचनाओं से जीवन को नया मार्ग मिला है, तुलसीदास जी के दोहे अमर हैं।
लीचीपुरम मुजफ्फरपुर बिहार से वरिष्ठ कवि श्री शशि रंजन वर्मा जी द्वारा :– मध्य कालीन हिन्दी साहित्य के महा कवि संत तुलसीदास जी के बारे में कहा गया :–
पंडित आत्माराम घर, माता हुलसी पूत।
देख सकी ना पुत्र को, चले साथ यमदूत।।
गोरखपुर उत्तरप्रदेश से प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती सुनैना गुप्ता द्वारा कहा गया :–
रामचरितमानस रची, किया अमित कल्याण।
तुलसी की वाणी बहे, गंगा जलधि समान।।
बरुहा चौराहा रायबरेली उत्तरप्रदेश से डॉ. गीता पाण्डेय ‘अपराजिता’ जी द्वारा कहा गया :–
सत्य सनातन धर्म का, नित्य किया गुणगान।
रामचरितमानस रचा, तुलसी संत महान।।
सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र बोईरदादर रायगढ़ के केन्द्र अधीक्षक- संगीतकार श्री उग्रसेन पटेल जी ने गोस्वामी तुलसीदास जी का प्यारा भजन “भजुमन राम नाम सुखदाई” स्वरबद्ध गायन कर सभी श्रोताओं को भावविभोर कर दिया उन्होंने दोहे के क्रम में कहा :–
तुलसी जी के सामने, प्रकट हुए हनुमान।
उनसे पायी प्रेरणा, मिला दरस भगवान।।
श्रीश्याम संगीत सृजन केन्द्र बिलासपुर के केन्द्र प्रभारी डॉ. रश्मि लता मिश्र द्वारा उपस्थित रचनाकारों को तुलसी जयंती पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई, उनके द्वारा गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखित विभिन्न ग्रंथों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
मानसरोवर जयपुर राजस्थान से प्रोफेसर डॉ. कंचना सक्सेना जी द्वारा गोस्वामी जी की जीवनी परिचय विषय पर विस्तृत व्याख्यान कर तुलसी जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई।
श्रीश्याम संगीत सृजन केन्द्र रायपुर के केन्द्र प्रभारी डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ द्वारा यात्रा में रहने के कारण उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवनी पर अपने स्वरचित दोहे की आडियो भेजी है, जिसमें उन्होंने कहा है :–
भक्तिकाल के दौर में, तुलसी संत महान।
रामचरित मानस लिखे, अनुपम ग्रंथ सुजान।।
जिंदल स्टील पावर लिमिटेड रायगढ़ के डिप्टी मैनेजर व श्याम संगीत सृजन संस्थान के विशेष आमंत्रित सदस्य कवि श्री प्रकाश चन्द्रा जी द्वारा सभी प्रस्तुतियों को समीक्षात्मक ढंग से सुनने के पश्चात् कहा गया:–
श्रीराम गुणगान करे, भेंट लगे हनुमान।
रामचरितमानस लिखे, तुलसी संत महान।।
हमरूह पब्लिकेशन हाउस दिल्ली के प्रकाशक श्री अभिशार गांगुली जी द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम का बहुत ही सुचारू एवं प्रभावात्मक ढंग से संचालन किया गया जो बहुत ही प्रसंशनीय रहा उन्होंने स्वयं अपने द्वारा सम्पादित “भारत माता की जय” नाम से पुस्तक में शामिल होने व रचना भेजने के लिए रचनाकारों को आमंत्रित कर आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने अध्यक्ष की सहमति से कार्यक्रम का समापन किया।


Narayan Rathore