*”श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी को नेपाल की प्रसिद्ध संस्था “शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल” द्वारा आयोजित कविता प्रतियोगिता में प्रथम सूची में शामिल किया गया”*

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*”श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी को नेपाल की प्रसिद्ध संस्था “शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल” द्वारा आयोजित कविता प्रतियोगिता में प्रथम सूची में शामिल किया गया”*

*”शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा आयोजित वैश्विक आनलाइन प्रतियोगिता में संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी को सूचीबद्ध जानकारी प्रदान करते हुए हार्दिक बधाई तथा उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी गई है।”*

*”उक्त प्रसारित सूची के अनुसार संगीतज्ञ- श्री चन्द्रा जी को “सबसे प्यारी मेरी हिन्दी” विषय पर प्रथम सूची नं. में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।”*

 

*सक्ती छत्तीसगढ :–* श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के प्रवक्ता विजय कुमार चन्द्रा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नेपाल की प्रसिद्ध संस्था “शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय आनलाइन प्रतियोगिता में शामिल प्रसिद्ध वैश्विक रचनाकार संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा प्रेषित स्वरचित कविता “सबसे प्यारी मेरी हिन्दी” इस प्रकार है, जैसे :–

“सबसे प्यारी मेरी हिन्दी” इसकी महिमा अपरम्पार।
हिन्दी देव नागरी लिपि में, शामिल है सोलह संस्कार।।

वीणा पाणी मां की वाणी, सुधा बरसती है सद्ज्ञान।
गूंगा भी वक्ता बन जाए, दिव्यांगों को है वरदान।।

भारतीय संस्कृति की जननी, वैदिक वाणी महिमा ज्ञान।
हिन्दी संरक्षण-संवर्धन, सबका संकल्पित अभियान।।

हिन्दी भाषा विश्व भारती, प्यारी है यह दिव्य महान।
सारी दुनिया महिमा गाए, जय जय बोले हिन्दुस्तान।।

गंगा जैसी पतित पावनी, हिन्दी भाषा मृदु व्यवहार।
वेदों के मर्मों को जानें, जीवन तारे गीता सार।।

मांग हमारी राष्ट्रीय भाषा, यथा शीघ्र होवे व्यवहार।
हिन्दी भाषा की मर्यादा, कला संस्कृति है संचार।।

तुलसी सूर कबीरदास थे, हिन्दी भाषा के विद्वान।
मीरा जी की भक्ति साधना, जग प्रसिद्ध है हिन्दी गान।।

महादेवी वर्मा की गाथा, हिन्दी भाषा जग विस्तार।
दिनकर पंत प्रसाद सभी थे, हिन्दी ज्ञाता जग प्रस्तार।।

वैदिक वाणी बड़ी सुहानी, है अकूत विद्या भंण्डार।
शब्द उच्चारण बड़ी शुद्धता, व्याकरणिक भाषा आधार।।

शब्द सृजन की जिम्मेदारी, रचना साहित्यिक व्यवहार।
सक्ती छत्तीसगढ़ से बोले, कुर्मी क्षत्रिय श्याम कुमार।।

*****

नेपाल की प्रसिद्ध संस्था “शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउण्डेशन नेपाल” द्वारा गुरुजी की इस “सबसे प्यारी मेरी हिन्दी” रचना को उक्त अंतरराष्ट्रीय आनलाइन प्रतियोगिता के प्रथम सूची में शामिल कर तृतीय स्थान प्रदान करते हुए संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा जी को विशेष रूप से हार्दिक बधाई तथा उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी गई है।

संगीतज्ञ- गुरुजी की इस वैश्विक उपलब्धि पर भारतीय चन्द्रनाहू चन्द्रा समाज के आदरणीय सामाजिक कार्यकर्ता बंधुओं और गुरुजी द्वारा संचालित “विश्व संगीत प्रशिक्षण पाठशाला” में शामिल संगीत साधिकाओं द्वारा हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं दी गई है।

इस अवसर पर संगीतज्ञ- गुरूजी द्वारा अपने समस्त प्रशंसकों का हार्दिक धन्यवाद व सादर आभार व्यक्त किया गया है।

 

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