*!! छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के पावन अवसर पर प्रस्तुत गीत !!*

*!! छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के पावन अवसर पर प्रस्तुत गीत !!*
छत्तीसगढ़ के सुग्घर सपना, अब्बड़ सुग्घर सुहाये हे !
नवां बहुरिया कस लागत हे, सबके मन ल भाये हे !!
नवां बहुरिया….
हरियर लुगरा घन अमरइया, रायपुर फेंटा मारे हे।
बस्तर ले घिरलत पहिरे हे, सुग्घर तिन्नी मारे हे !!
कोरिया जशपुर ले मूंड़ ढांके, सरगुजा ले निहारे हे !
रतनपुर मल्हार मदनपुर, धरोहर लेहे संवारे हे !!
अपरोड़ा अड़भार ओखर, कण्डरी खरौद समाये हे !
मारो मातिन सोंठी सेमरिया, सक्ती ले गीत गाये हे !!
नवां बहुरिया….
जांजगीर चांपा सक्ती बिलासपुर, हिरदय हे ओ मइंया!
रायगढ़ कवर्धा हांथ बने तोर, तन्तेवाड़ा हे पइंया !!
दुरुग भेलाई कोरबा बांगो, ले हे शान बढ़ाये हे !
महासमुंद धमतरी नांद गांव, कांकेर बस्तर छाये हे!!
कोटागढ़ केण्डा कुरकुट्टी, विजय नवांगढ़ भाये हे !
राजिम पाटन लवन अमीरा, सरधा सिमगा समाये हे!!
नवां बहुरिया…..
गांव-गांव के जगा-जगा मं, होवत हे उत्सव भारी !
आठों अंग ल सजा-सजा के, मगन हावंय संगवारी!!
तोर कोरा हे जनम पियांरी, ये मं बसे हे परान!
तरिया डबरी नरवा झोरखी, कस के बांधे किसान!!
महानदी शिवनाथ इहां तो, गंगा धार बोहाये हे !
जुरमिल आओ खुशी मनाबो, सुग्घर बेरा आये हे !!
नवां बहुरिया….
छत्तीसगढ़ ये महतारी ह, अब्बड़ सुग्घर सुहाये हे!
“श्याम चन्द्र” के सुग्घर सपना, सबके मन ल भाये हे!!
लिखोइया :—
*संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा*
संस्थापक एवं अध्यक्ष
श्याम संगीत सृजन संस्थान,
सक्ती छत्तीसगढ़
मो.नं.- 7999451129.