*मनरेगा योजना में हो रहा मशीन का प्रयोग, जेसीबी से हुआ काम ग्राम पंचायत चिसदा का मामला*
Listen to this article
*जैजैपुर जनपद सीईओ लगातार सुर्खियों में जो जैसा काम करे खुली छूट जांच के नाम पर खानापूर्ति और ऐसे सरपंच सचिव रोजगार सहायक भ्रष्टाचारियो को बचाने ग्रामीणों का आरोप*
*मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम, एक भारतीय श्रम कानून है. इसका मकसद, ‘कार्य करने का अधिकार’ देना है.*
*मनरेगा योजना में जेसीबी मशीन से काम नहीं करना है। इसके बावजूद योजना में मिशन चलाया गया है तो योजना में मिली प्रशासनिक स्वीकृति रद्द किया जाएगा और लाभुक से उक्त योजना में निर्गत पैसे की वसूली की जाएगी। मनरेगा एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी*
*मनरेगा योजना में हो रहा मशीन का प्रयोग, जेसीबी से हुआ काम ग्राम पंचायत चिसदा का मामला*
सक्ती/ जैजैपुर जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायतों में इन दिनों मनरेगा का काम मजदूरों की बजाय मशीनों से कराया जा रहा है। ऐसे में मजदूर काम के अभाव में अपने घर परिवार भी नही चला पाते हैं। विभागीय कर्मियों व जनप्रतिनिधियों की जुगलबंदी का आलम है कि दर्जनों मजदूरों की पेट पर लात मार देते है। जैजैपुर क्षेत्र में चल रहे मनरेगा योजनाओं के कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिसके कारण स्थानीय ग्रामीण मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है और वे पलायन करने को मजबूर हो रहे है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत चिसदा में मनरेगा योजना के द्वारा नाली निर्माण का कार्य में मजदूरों से नहीं कराकर जेसीबी मशीन से खोदाई कराई गई है। मनरेगा योजना का एग्रीमेंट से पूर्व ही जेसीबी मशीन से कार्य करा लिया जाता है। बाद में पीआरएस के द्वारा सारी प्रक्रिया पूरी की जाती है। इस बारे में ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा योजना में इतनी बड़ी लापरवाही की जा रही है मगर अधिकारियों की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे न सिर्फ बेरोजगारी बढ़ेगी, सरकारी कार्यालयों में अराजकता भी बढ़ रही है। वहीं अभियंता कार्यस्थल का निरीक्षण किए बिना ही काम पास करते हैं। इस तरह वरीय पदाधिकारियों की आंखों मे धूल झोंककर मनरेगा योजना के साथ-साथ मजदूरों की रोटी से भी खिलवाड़ कर कर्मी व जन प्रतिनिधि चांदी काट रहे हैं। वहीं मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने से उनके परिजनों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जैजैपुर जनपद सीईओ लगातार सुर्खियों में जो जैसा काम करे खुली छूट जांच के नाम पर खानापूर्ति और ऐसे सरपंच सचिव रोजगार सहायक भ्रष्टाचारियो को बचाने का आरोप
आपको बता दे कि जनपद पंचायत जैजैपुर अंतर्गत 78 ग्राम पंचायत है जिसमे से अधिकांश पंचायतों का शिकायत ग्रामीणों द्वारा तेज तर्रार जनपद सीईओ के पास शिकायते आये होंगे लेकिन एक साल से राह देखती रहती है कि कब पंचायतों की शिकायत मिले और अपने खर्च निकाल सके क्योकि कुछ महीनों से इनकी रवैये में बहुत ही बदलाव आई है कि जो सरपंच सचिव रोजगार सहायक को खुली छूट दे रखी है यहां तक अपने जनपद की बाबू जिसकी अवैध राशि लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था जिसको आननफानन में निलंबित कर दिया और बिना जांच पड़ताल की बहाल भी कर दिया ऐसे इनके प्रशासनिक व्यवस्था है और कुछ जनप्रतिनिधियों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि सरपंचों को दबाव कहे या प्रेम पूर्व जिसकी शिकायत ही नही उनसे लेटर पेड में आवेदन लेकर कमीशन खोरी बाबू को बचाने में कामयाब हुए तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्राम पंचायत चिसदा में जेसीबी मशीन से नाली का निर्माण कार्य हुआ या हो रहा है उस पर कार्यवाही की क्या उम्मीद कर सकते है फिर भी ग्रामीणों राह देख रहे है कि जनपद सीईओ सरपंच सचिव रोजगार सहायक से अवैध राशि की मांग कर मामला रफादफा करते है या कार्यवाही की जाती है यह तो समय की चक्र ही है बरहाल जो भी हो इस समय जनपद पंचायत की तेज तर्रार भ्रष्टाचारी कमीशन खोरी की गुरु कहने पर भी कोई गलत नही होगा।