*शिव वाटिका का नाम बदलकर चरण दास महंत ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने पिता स्व. बिसाहू दास महंत उद्यान नाम रखा जिसका घोर विरोध- राजा धर्मेंद्र सिंह*

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 *शिव वाटिका का नाम बदलकर चरण दास महंत ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने पिता स्व. बिसाहू दास महंत उद्यान नाम रखा जिसका घोर विरोध- राजा धर्मेंद्र सिंह*

 

सक्ती नगर पालिका के वार्ड नंबर 8 में स्थित शिव वाटिका में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित थी। श्रद्धालु बड़ी आस्था के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना कर रहे थे। दिनांक 1/4/22 को चरणदास महंत ने अपने पद और पावर का दुरुपयोग कर भगवान शिव की मूर्ति के पास अपने पिता स्व. बिसाहू दास महंत की मूर्ति भगवान शिव की मूर्ति से लगभग चार गुनी बड़ी मूर्ति स्थापित कर भगवान शिव का अपमान किया गया तथा हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ इनके द्वारा किया गया है एवं शिव वाटिका का नाम बदलकर स्व.बिसाहू दास उद्यान रखकर उनके द्वारा भगवान शिव का घोर अपमान किया गया है। इसका विरोध सर्व आदिवासी समाज जो की शंकर भगवान को बूढ़ादेव का अवतार मानते हैं ने घोर आपत्ति जताते हुए विरोध प्रकट किया तथा उक्त मूर्ति को वहां से हटाने के लिए एसडीएम को ज्ञापन सोपा। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एवं अन्य समाज द्वारा भी इसका घोर विरोध किया गया किंतु अभी तक उक्त मूर्ति वहां से नहीं हटाई गई है।
राजा धर्मेंद्र सिंह ने शिव वाटिका का नाम बदलकर चरण दास महंत ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने पिता स्व. बिसाहू दास महंत उद्यान नाम रखकर तथा भगवान शिव की मूर्ति के सामने अपने पिता की बड़ी मूर्ति स्थापित करने पर कड़ी आलोचना व्यक्त की और चरण दास महंत को उक्त मूर्ति को वहां से हटाने के लिए चेतावनी देते हुए हिदायत दी कि यदि शीघ्र उक्त मूर्ति वहां से नहीं हटाई गई तो इसका विरोध स्वरूप बड़ा आंदोलन होगा जिसके जिम्मेदार स्वयम चरण दास महंत होंगे। हम शिव के भक्त है,भगवान शिव का अपमान नहीं सहेंगे और उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को श्रद्धालु एवं क्षेत्र की जनता कभी माफ नहीं कर सकेगी।

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