*जिस घर में बुजुर्गों का सम्मान, वहां रहती है सुख और समृद्धि*

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*जिस घर में बुजुर्गों का सम्मान, वहां रहती है सुख और समृद्धि*

*नव निर्वाचित सरपंच श्रीमती सुनीता रमेश साहू एवं पंच ने बुजुर्गों का शाल श्रीफल से सम्मान किये*

 

जैजैपुर/- जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जिस घर में बुजुर्गों का सम्मान है, उसके घर में सुख समृद्धि हैं।उम्र के अंतिम पड़ाव में वृद्धजनों की सेवा करना बहुत जरूरी है। ग्राम पंचायत कोटेतरा के गुड़ी चौक में वृद्धजनों का सम्मान किया गया।सम्मान पाकर भावुक हुए वृद्ध ग्राम पंचायतों में बुजुर्गों का सम्मान किया गया तो वृद्धजन भावुक हो गए। हालांकि आज भी घर व समाज में बुजुर्गों को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाता है।

घरों में बुजुर्गों की उपेक्षा दुख की बात

गांव के नव निर्वाचित के सरपंच श्रीमती सुनीता रमेश साहू ने कहा कि वृद्धों व प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुव्र्यवहार पर लगाम लगाने शपथ लेने से पूर्व चिंहित किया गया है। बचपन से हमें घर में शिक्षा दी जाती है कि हमें अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए। वरिष्ठजन हमारे घर की नींव होते हैं। बुजुर्गों का आशीर्वाद बहुत भाग्य वालों को मिलता है। इसलिए सभी को अपने से बड़ों और वरिष्ठजनों का सम्मान करना चाहिए।

बुजुर्गों ने कहा-पेंशन के लिए भटक रहे

बुजुर्ग ने कहा कि बुजुर्गों का सम्मान अच्छी बात है। आज भी कई बुजुर्ग ऐसे हैं, जिसे पेंशन नहीं मिलती। उसे पेंशन की बहुत जरूरत है। कई घर ऐसे हैं, जहां बुजुर्गों को उनके बेटे खुद के खर्च के लिए रुपए नहीं देते। ऐसे में खुद के खर्च के लिए पैसे नहीं रहते। सरकार 2002 की सर्वे सूची में नाम होने की अनिवार्यता हटा दे तो कई पात्र हितग्राहियों को भी पेंशन मिल जाएगी। बुजुर्ग पेंशन के लिए कलेक्टर, जनपद, ग्राम पंचायतों के चक्कर काटने हैं।

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