*श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती द्वारा 25 अप्रैल को संगीतज्ञ श्याम कुमार चन्द्रा जी के मार्गदर्शन में “विश्व संगीत पाठशाला” में शामिल संगीत साधिकाएं बहनों को आमंत्रित कर आनलाईन अंतरराष्ट्रीय बैठक आयोजित की गई*
*श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती द्वारा 25 अप्रैल को संगीतज्ञ श्याम कुमार चन्द्रा जी के मार्गदर्शन में “विश्व संगीत पाठशाला” में शामिल संगीत साधिकाएं बहनों को आमंत्रित कर आनलाईन अंतरराष्ट्रीय बैठक आयोजित की गई*
*संगीतज्ञ- श्री चन्द्रा जी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा भारतीय हिन्दू निर्दोष पर्यटकों को कायराना हरकत के साथ की गई निर्मम हत्या के विरोध में उपस्थित संगीत साधिकाओं द्वारा विधर्मी आतंकवादियों की घोर निन्दा की गई।*
*बैठक में उपस्थित संगीत साधिकाओं द्वारा उक्त दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु अश्रुपूरित भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि समर्पित की गई एवं उन दिवंगतों के परिजनों की सहन शक्ति के लिए परमात्मा से प्रार्थना की गई।*
*इस अवसर पर केन्द्रीय सरकार से भारतीय सुरक्षा की सुदृढ़ व्यवस्था शीघ्र किए जाने की मांग करते हुए विधर्मी आतंक वादिओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही किए जाने संबंधी विचार रखे गए।*
*”इस अवसर पर संगीतज्ञ श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा संचालित इस बैठक में शामिल इस्ट अफ्रीका तंजानिया से संगीत साधिका व प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती पुष्पा परजिया जी एवं जनोदय न्यूज विजन लखनऊ उत्तरप्रदेश के मुख्य सम्पादक श्री आर. डी. बाजपेई जी ने भारतीय केन्द्र सरकार व माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा उक्त घटना के खिलाफ शीघ्र की जा रही कार्यवाही को उचित ठहराते हुए धन्यवाद के साथ आभार व्यक्त किया गया एवं आतंकवादियों की घोर निन्दा की गई*
*इसी प्रकार “विश्व संगीत पाठशाला” सक्ती में शामिल संगीत साधिकाओं में श्रीमती शुभा शुक्ला ‘निशा’ जी रायपुर द्वारा उक्त घटना की घोर निन्दा करते हुए आतंकियों के विरुद्ध आक्रोश प्रकट करते हुए काव्य पाठ किया गया, इसी प्रकार श्रीमती सुषमा प्रेम पटेल जी रायपुर, श्रीमती तालकेश्वरी चन्द्रा जी बड़े कटेकोनी डभरा सक्ती, श्रीमती सुशीला कुमारी जी चतरा झारखंड, श्रीमती माधवी गुप्ता जी चतरा झारखंड एवं श्रीमती अर्चना पाठक जी अंबिकापुर द्वारा भी उक्त दुष्ट आतंकियों के विरुद्ध आक्रोश प्रकट करते हुए उनकी घोर निन्दा की गई अपनी-अपनी कविता पाठ की गई।*
*कार्यक्रम के अंत में संचालक संगीतज्ञ श्याम कुमार चन्द्रा द्वारा दिवंगत आत्माओं को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए सारगर्भित विचार के साथ आतंकियों की घोर निन्दा करते हुए “भारत माता की जय बोलो” वंदेमातरम् वंदेमातरम् शीर्षक के साथ अपने स्वरचित कविता प्रस्तुत की गई, वह इस प्रकार है –*
*”भारत माता की जय बोलो।”*
*!! वंदेमातरम् वंदेमातरम् !!*
*”भाई बहनों अब मुंह खोलो!”*
*!! वंदेमातरम् वंदेमातरम् !!*
*अब तो जागो जल्दी जागो,*
*मचा हुआ है हाहाकार।*
*बैरी दुश्मन आतंकवादी,*
*घात लगाए नर संघार।।*
*चोरी-चोरी चुपके-चुपके,*
*बहुत हो गया पापाचार।*
*धर्म-कर्म को पूछ पूछ कर,*
*क्यों करते हैं नर संघार।।*
*विधर्मी राक्षसी प्रवृत्ति,*
*क्रूर अमानवीय है व्यवहार।*
*कायराना हरकत करते हैं,*
*आतंकवादी हैं गद्दार।।*
*आर्मी भाई इन्हें भगाओ,*
*विधर्मी को दे ललकार।*
*भारत माता के बेटे हो,*
*जग में होवे जय-जयकार।।*
*जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,*
*अब तो लगाओ बेड़ा पार।*
*जय बजरंग बली दें ताकत,*
*हिन्दू भाई जय- जयकार।।*
*हार्दिक अभिनन्दन करता,*
*सक्ती से है श्याम कुमार।*
*संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा*
*रेलवे काॅलोनी सक्ती, छत्तीसगढ़*