*सुर लय ताल” पुस्तक में शामिल किए जाने हेतु स्वयं एक रचना शास्त्रीय संगीत व लोक भाषा के साथ छत्तीसगढ़ी में राग शहाना ताल झपताल में निबद्ध छोटा ख्याल की रचना की गई*
*सुर लय ताल” पुस्तक में शामिल किए जाने हेतु स्वयं एक रचना शास्त्रीय संगीत व लोक भाषा के साथ छत्तीसगढ़ी में राग शहाना ताल झपताल में निबद्ध छोटा ख्याल की रचना की गई*
हमर छत्तीसगढ़ न्यूज नारायण राठौर
सक्ती/- भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन एवं सांस्कृतिक विकास कार्य हेतु दिनांक 02 जुलाई सन् 2000 को स्थापित श्याम संगीत सृजन संस्थान के संस्थापक व अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा सम्पादित भारतीय शास्त्रीय संगीत से संबंधित “सुर लय ताल” पुस्तक में शामिल किए जाने हेतु स्वयं एक रचना शास्त्रीय संगीत व लोक भाषा के साथ छत्तीसगढ़ी में राग शहाना ताल झपताल में निबद्ध छोटा ख्याल की रचना की गई है, वह इस प्रकार है…*
*!! श्री कृष्ण भजन !!*
(राग शहाना + ताल झपताल)
हरि ओम् हरि ओम्, हरदम गाये।
अलख निरंजन, सुर मुनि ध्याये।।
ग-रे-सा, रेमपपध,
सां-नि-ध, मपधप गरेसा।
ग-रे-सा, रेमपपध, श्रुति सुर साजे।।
राग शहाना हे, झप ताल बाजे।।
धी ना, धी धी ना, ती ना, धी धी ना।
धीना धीधी, नाती नाधी धीना,
धीना धीधी, नाती नाधी धीना।।
धागे नधा, तिरकिट धाधा तिरकिट,
धागे नधा, तिरकिट धीना गीना ।
तागे नता, तिरकिट ताता तिरकिट,
धागे नधा, तिरकिट धीना गीना ।।
राग शहाना हे, झप ताल बाजे…
सुर ताल संगीत, लयकारि गाये।
मन के मूरतिया, ये बनवारी भाये।।
तोरे देखे मं मोरे, मन हरियाये।
मुख मुरली धरे, मधु सुर छाये।।
गुरतुर गोठ तोरे, मन ये सुहाये।।
तानें —
1- पम गम, पध निसां गंरें।
सांनि धप, मग रेसा निसा।।
2- मय निध, पध पम गरे, सारे गम, प – मप धप, निध सांनि, धप मग रेसा, मप निध, पध पम गरे, सारे गम, प — मप धप, निध सांनि, धप मग रेसा।
3-
सारे गम, गरे सा- सारे, गम पम, गरे सा — सारे, गम पध, पम गरे सा-, सारे गम, गरे सा-सारे, गम पम, गरे सा- सारे, गम पध, पम गरे सा-।
रचनाकार –
संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा
रेलवे काॅलोनी सक्ती छत्तीसगढ़