*चन्द्रा जी द्वारा युग पुरुष संत कबीर दास जी के जीवन परिचय को संकलित कर एक संक्षिप्त जीवनी यशगीत के रूप रचना की गई*

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*चन्द्रा जी द्वारा युग पुरुष संत कबीर दास जी के जीवन परिचय को संकलित कर एक संक्षिप्त जीवनी यशगीत के रूप रचना की गई*

 

भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन एवं सांस्कृतिक विकास कार्य किए जाने हेतु दिनांक 02 जुलाई सन् 2000 को स्थापित श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती छत्तीसगढ़ के संस्थापक व अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा संस्था स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष के पावन अवसर पर सम्पादित भारतीय शास्त्रीय संगीत से संबंधित मुख्य विषय “सुर लय ताल ” नामक पुस्तक में शामिल किए जाने हेतु स्वयं संगीतज्ञ श्री चन्द्रा जी द्वारा युग पुरुष संत कबीर दास जी के जीवन परिचय को संकलित कर एक संक्षिप्त जीवनी यशगीत के रूप रचना की गई है, वह इस प्रकार है…*

*युगपुरुष संत कबीरदास जी,*
(संक्षिप्त जीवनी यशगीत)

मानवतावादी रहे, गुरुवर संत कबीर।
भाषा वाणी पारखी, पारस जैसे पीर।

तेरह सौ अंठान्बे, काशी में अवतार।
ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा,ब्रह्ममूहर्त सार।।

नीरू नीमा दंपति, दोनों पालनहार।
जीवन आपन कर रहे, जुलाहे परिवार।।

रामानंद गुरु से मिला, गुरु दीक्षा संस्कार।
गुरु जी से आशीष मिला, राम नाम जप सार।।

कर्म ज्ञान की साधना, गुरुवर का सद्ज्ञान।
कुछ पाखंडी बैर से, कर विरोध अज्ञान।।

धोखाधड़ी की आड़ में, कोशिश बावन बार।
बाल न बांका कर सके, साहेब सिरजन हार।।

धर्मदास जी शिष्य हुए, गुरु जी संग प्रचार।
जो विरोध करते रहे, उनका हाहाकार।।

दिव्य धर्म जग ज्ञान का, चौंका है अनुष्ठान।
दिव्य ज्ञान गुरु साधना, लाखों शिष्य महान।।

सामाजिकता समरसता, व्यवस्थाएं सुधार।
भेदभाव को त्याग कर, सरल सहज व्यवहार।।

पंथ कबीर प्रसिद्ध है, जानें सकल जहान।
“श्याम चन्द्र” मन में सदा, माने गुरु सद्ज्ञान।।

*दोहाकार -*
संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा
रेलवे काॅलोनी सक्ती, छत्तीसगढ़
संपर्क मो.नं.- 79994 51129.

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