*भारत के पूर्व राष्ट्रपति, मिसाइल मैन, भारत रत्न, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की आज पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि के साथ संक्षिप्त जीवनी यशगीत*

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*भारत के पूर्व राष्ट्रपति, मिसाइल मैन, भारत रत्न, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की आज पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि के साथ संक्षिप्त जीवनी यशगीत*

 

*सादगी, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण उनका जीवन समूचे राष्ट्र के लिए एक दिव्य प्रेरणा है। विज्ञान, शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में प्रज्वलित उनके विचार-दीप हम सभी को आलोकित करते रहेंगे।*

*विज्ञान, धर्म और प्रकृति डॉ. कलाम साहब की अभिव्यक्ति बनकर प्रकट होते थे। डॉ. कलाम एक बहु आयामी असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। विज्ञान, प्रौद्योगिकी देश के विकास और युवा मस्तिष्क को प्रज्वलित करने में अपनी निमग्नता के अतिरिक्त समृद्धि पर्यावरण की चिंता तथा साहित्य सृजन करते रहे। वे अपने स्वस्थ जीवन काल में कविता लिखते थे, वीणावादन करते थे और अध्यात्म से गहरे जुड़े रहते थे।*

*कलाम साहब के जीवन में धर्म और विज्ञान का अद्भुत संगम रहा है। वे मंदिर और मस्जिद में एक ही ऊर्जा का अनुभव करते थे जिसे वे परमात्मा या खुदा कहते थे। जीवन को अनंत ऊर्जा से भर देने वाले असीम शक्ति ही कलाम साहब की जीवनी शक्ति थी।*

*युग ऋषि कलाम साहब जी की चेतना से अग्नि, पृथ्वी, त्रिशूल, पिनाक और नाग जैसे प्रक्षेपास्त्र और मिसाइल प्रकट हुए। उन्हें विश्व के 38 विश्वविद्यालयों से डायरेक्ट्रेट की उपाधि से अलंकृत किया गया है। वे भारत के तीन सर्वोच्च नागरिक सम्मान- भारत रत्न, भारत विभूषण और पद्म विभूषण से विभूषित किए गए हैं। वे शिलांग में बच्चों को संबोधित करते हुए आज के ही तारीख में 27 जुलाई को सूफियाना अंदाज में नश्वर संसार को अलविदा कह गए। आज उनकी पुण्य स्मृति में उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि इस प्रकार ….*

(संक्षिप्त जीवनी यशगीत)

‘सुर लय ताल’ नामक पुस्तक में, शामिल महिमा गान है।
भारत रत्न डॉ. कलाम जी, पुन्य स्मृति
यश गान है।।
अबुल पकिर जैनुलाबदीन, अब्दुल कलाम नाम है।
शत्-शत् नमन विनम्र श्रद्धांजलि, आत्मीय सम्मान है।।
‘सुर लय ताल’ नामक पुस्तक में शामिल महिमा गान है। ..

तमिलनाडु रामेश्वरम् तो, जन्मभूमि स्थान है।
पन्द्रह दस उन्नीस सौ एकतीस, आपका जन्म दिनांक है।
सेंट जोसेफ काॅलेज तिरूचिरापल्ली से स्नातक हैं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में, अध्धयन दक्षिण भारत हैं।।
रक्षा मंत्रालय में आपने, आरम्भ किया कमाल है।
सपने संजोए ‘विकसित भारत’ मातृ- भूमि के लाल हैं।।
‘सुर लय ताल’ नामक पुस्तक में शामिल महिमा गान है। ..

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान, समिति में कार्य किया।
राकेट इंजीनियर के रूप में, पदभार को स्वीकार किया।।
प्रक्षेपण राकेट बनाने, सन् बायसठ में पाश्र्वनाथ लिया।
भूमध्यरेखीय केन्द्र स्थापित, थुम्बा निश्चय मान लिया।।
एस.एल.बी. का किया डिजाइन, तभी हुआ निर्माण है।
पृथ्वी अग्नि मिसाइल बनाने, महत्वपूर्ण योगदान है।।
‘सुर लय ताल’ नामक पुस्तक में है। …

सन् बियानबे रक्षामंत्री के, वैज्ञानिक सलाहकार थे।
अनुसंधान विकास विभाग में, सचिव पद में निर्वाहक थे।।
रक्षा अनुसंधान संगठन, महानिदेशक नियुक्त हुए।
इस अवधि कई नई, तकनीकी योजना शुरू किए।।
एक से बढ़कर एक पदों में, किये कार्य कीर्तिमान हैं।
पद्म भूषण, पद्म विभूषण, ‘भारत रत्न’ सम्मान हैं।।
‘सुर लय ताल’ नामक पुस्तक में है। …

कर्नाटक शास्त्रीय संगीत में, वीणा वादन करते हैं।
अपनी मातृभाषा तमिल में, कविताएं भी लिखते हैं।।
आपकी सत्रह कविताओं का, अंग्रेजी अनुवाद हुआ।
तीन पुस्तकें लिखीं आपने, यह तो आशीर्वाद हुआ।।
सादा जीवन उच्च विचार का, दिया आप वरदान हैं।
‘श्याम चन्द्रा’ सक्ती से बोले, यह श्रद्धा सम्मान है।।
‘सुर लय ताल’ नामक पुस्तक में है। …

*सम्पादक व रचनाकार –*


संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा
संस्थापक व अध्यक्ष
श्याम संगीत सृजन संस्थान, सक्ती
रेलवे काॅलोनी सक्ती, छत्तीसगढ़
संपर्क मो.नं.- 79994 51129.

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