*भारतीय रक्षाबंधन के पावन अवसर पर लेह-लद्दाख में समाजसेविका, कवयित्री, लेखिका एवं राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो श्रीमती ज्योति सिंह ने देश के प्रशिक्षित सैनिकों की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें बहन का स्नेह और सुरक्षा का वचन दिया*

*!! रक्षाबंधन शुभकामनाएं संदेश !!**
भारतीय रक्षाबंधन के पावन अवसर पर लेह-लद्दाख में समाजसेविका, कवयित्री, लेखिका एवं राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो श्रीमती ज्योति सिंह ने देश के प्रशिक्षित सैनिकों की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें बहन का स्नेह और सुरक्षा का वचन दिया। सीमा पर तैनात हमारे वीर सैनिक बंधुओं ने इस सुखद अवसर पर हार्दिक अहसास का अनुभव करते हुए बहन ज्योति सिंह को धन्यवाद एवं शुभाशीष दिया।*
*वास्तव में ऐसा स्नेहा भाव पल देश की सुरक्षा के साथ ही साथ भारतीय कला संस्कृति को भी बढ़ावा देते हुए सदा अविस्मरणीय व परम सुखद अनुभूति का क्षण माना जाएगा।*
*श्रीमती ज्योति सिंह द्वारा ऐसे स्नेहमयी पवित्र कार्य किए जाने के लिए उन्हें उत्साहवर्धन किए जाने के उद्देश्य से “श्याम संगीत सृजन संस्थान, सक्ती” के संस्थापक व अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा द्वारा श्रीमती ज्योति सिंह जी को भाव-भरे “शब्द सम्मान” के रूप में हार्दिक शुभाशीष, बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं प्रेषित किया जाता है, वह इस प्रकार है—*
*प्रिय बहन ज्योति सिंह जी आपने देश की सुरक्षा में तैनात हमारे वीर सपूतों प्रशिक्षित सैनिक बंधुओं को रक्षाबंधन के पावन अवसर पर उन्हें उत्साहवर्धन किए जाने हेतु उनकी कलाई पर राखी बांधकर अविस्मरणीय कार्य किया है, इस हेतु आपको “श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती” की ओर से हार्दिक शुभाशीष, आप ऐसे ही समाज सेवा कार्य में सदैव व्यस्त रहें, स्वस्थ रहें और प्रसन्न रहें आपको हार्दिक शुभकामनाएं इस प्रकार…*
कर्म करते हुए, सौ बरस तक जिएं।
धर्म धारण किए, सौ बरस तक जिएं।।
सत्य संकल्प का बल मिले आपको।
प्राण, प्रज्ञा, प्रभा बल मिले आपको।।
हर कठिन प्रश्न का हल मिले आपको।
दिव्य जीवन सफल फल मिले आपको।।
नित सॅभलते हुए, सौ बरस तक जिएं।
स्वस्थ हंसते हुए, सौ बरस तक जिएं।।
देव की देन को, देवता रूप दें।
त्याग, तप, तेज की, दिव्यता धूप दें।।
प्यार, विश्वास हारें नहीं राह में।
लोक-मंगल बसा बोध में चाह में।।
स्वर्ग रचते हुए, सौ बरस तक जिएं।
सिंधु तरते हुए, सौ बरस तक जिएं।।
*आपके द्वारा जिन सैनिक बंधुओं को राखी बांधी गई है और उनके साथ ही साथ देश के तमाम सैनिक बंधुओं को भी श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती की ओर से हार्दिक नमन वंदन और अभिनंदन, इस प्रकार:–*
भारत मां के वीर सपूतों, शत्-शत् तुम्हें प्रणाम है।
मातृभूमि की सेवा शक्ति, जीवन हुआ महान है।।
मातु पिता के आज्ञाकारी, मिला श्रेष्ठ संस्कार है।
सीमा सरहद के संरक्षक, वतन सुरक्षित प्यार है।।
त्याग-तपस्या जीवन शैली, रज वंदन वरदान है।
अमन-चैन, सुख शांति फैले, एक यही अरमान है।।
सीमा सुरक्षा में तैनाती, प्राण निछावर रहें तैयार।
बैरी दुश्मन घात लगाए, सुन भागें तेरी ललकार।।
माता थाल सजाएं बैठीं, अभिनंदन अरमान हैं।
बहनें राखी लिए खड़ी हैं, करने को सम्मान हैं।।
आजा राजा लाल हमारे, तेरे बिना जग सूना है।
जीवन का आधार हमारे, तेरे बिना दुःख दूना है।।
आसमान में ध्वजा तिरंगा, फहरे कीर्तिमान है।
गौरव गाथा अमर रहेगा, आन बान और शान है।।
रक्षाबंधन पर अभिनंदन, यह पार्विक पहचान है।
श्याम चन्द्रा सक्ती से बोले, शत्-शत् तुम्हें प्रणाम है।।