छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के बीच हुआ गठबंधन
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के बीच समझौता हो गयाछत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के बीच है। दोनों पार्टी विधानसभा का चुनाव मिलकर लड़ेंगें। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने बताया कि दोनों पार्टियों के बीच चुनावी समझौते के तहत सीटों का बंटवारा भी फाइनल हो गया है।
बसपा और गोंगपा के बीच हुए समझौते के तहत राज्य की 90 में से 53 सीटों पर बसपा और 37 सीटों पर गोंगपा अपने प्रत्याशी खड़ा करेगी। बता दें कि दोनों पार्टियों का जांजगीर चांपा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है। पिछले चुनाव में बसपा ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। 2018 में बसपा के दो विधायक चुने गए थे। इस बार बसपा ने पहले अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया था। इसके बाद पार्टी ने अपने 9 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार गोंगपा का छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश के भी आदिवासी क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव है। हालांकि छत्तीसगढ़ बनने के बाद से गोंगपा यहां एक भी सीट नहीं जीत पाई है। 1998 में गोंगपा के अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम ने तनाखार सीट से जीत दर्ज की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में हीरा सिंह मरकाम पाली- तानाखार सीट पर दूसरे स्थान पर थे। 9656 वोट से कांग्रेस के मोहित राम ने उन्हें हरा दिया था।