*श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती का “रजत जयंती समारोह”

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*श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती का “रजत जयंती समारोह”

हमर छत्तीसगढ़ न्यूज नारायण राठौर

*श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती का “रजत जयंती समारोह” कार्यक्रम पूर्व कुलपति प्रो. एनडीआर चन्द्रा जी रायपुर के मुख्य आतिथ्य, श्रीतुलसी मानस प्रतिष्ठान छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश प्रसाद देशमुख जी व सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र बोईरदादर रायगढ़ के केन्द्राध्यक्ष उग्रसेन पटेल जी के विशिष्ट आतिथ्य एवं श्याम संगीत सृजन संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी की अध्यक्षता में सम्पन्न।*

 

*सक्ती छत्तीसगढ़ –* भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन एवं सांस्कृतिक विकास कार्य किए जाने हेतु 02 जुलाई सन् 2000 को स्थापित “श्याम संगीत सृजन संस्थान” सक्ती का “रजत जयंती समारोह” कार्यक्रम पूर्व कुलपति प्रो. एनडीआर चन्द्रा जी के मुख्य आतिथ्य, श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश प्रसाद देशमुख जी एवं सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र बोईरदादर रायगढ़ के केन्द्राध्यक्ष उग्रसेन पटेल की विशिष्ट आतिथ्य एवं श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती के संस्थापक अध्यक्ष संगीतज्ञ श्याम कुमार चन्द्रा जी की अध्यक्षता में गरिमामय वातावरण में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।

समारोह के शुभारंभ अवसर पर संगीत प्रभाकर श्रीमती तालकेश्वरी चन्द्रा द्वारा मां सरस्वती वंदना गीत गायन राग दरबारी कान्हड़ा में जयति जय जय मां सरस्वती जयति शुभ वरदायिनी रूपक ताल में निबद्ध गायन के पश्चात् संगीत साधिका श्रीमती सुषमा प्रेम पटेल रायपुर द्वारा अतिथियों के सम्मान में स्वागत अभिनन्दन गीत प्रस्तुत किया गया।

संस्थान के संस्थापिका गुरु माता श्रीमती सूर्या देवी चन्द्रा एवं संगीत साधिका श्रीमती प्रियल चन्द्रा द्वारा महिला अतिथियों का एवं चिरंजीव चन्द्रा द्वारा पुरुष अतिथियों का रोली तिलक, अंग वस्त्र और एक-एक आम पौधे से सम्मानित किया गया।

सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र की संगीत प्रशिक्षार्थी कु. सान्वी चन्द्रा द्वारा हे शारदे मां सरस्वती वंदना और राग कल्याण तीनताल में झनक-झनक पायल बाजे गायन प्रस्तुत किया गया संगीतकार उग्रसेन पटेल जी द्वारा तबला वादन किया गया और श्री पटेल जी द्वारा– युगों-युगों से जैसे चमके, सूरज चांद सितारे।
एक दिन ऐसे ही चमकेंगे, तेरे भाग्य के तारे।।
बस राम का नाम लियेजा।
और अपना काम कीयेजा।।
प्रस्तुत भजन गायन में संगीत प्रभाकर विजय कुमार चन्द्रा ने तबला वादन किया।

संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत
श्याम संगीत सृजन संस्थान में, शुभ सादर अभिनन्दन है।
रजत जयंती सम्मेलन में, हार्दिक शुभ-शुभ वंदन है।।
गायन में संगीत साधिका श्रीमती प्रियल चन्द्रा द्वारा तबला वादन कर तालियां बटोरी गई।

प्रोफेसर एन.डी.आर. चन्द्रा जी ने अपने मुख्य अतिथि के आसंदी से कहां कि किसी भी संस्था द्वारा रजत जयंती समारोह आयोजित किया जाना अपने आप में गौरवपूर्ण माना जाता है क्योंकि पच्चीस वर्ष तक नियमित रूप से संचालित किया जाना एक महत्वपूर्ण कार्य है, उन्होंने कहा संस्थान द्वारा आयोजित विभिन्न अवसरों पर मुझे यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है, संस्थान का सभी सृजनात्मक कार्य प्रसंशनीय रहा है, आज मैं इस संस्था के रजत जयंती समारोह में शामिल होकर हार्दिक प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं, संस्थान द्वारा सम्पादित प्रत्येक कार्य सुव्यवस्थित संचालित किया जा रहा है यह बहुत खुशी की बात है, आज मैं इस संस्थान को एवं संस्थान में शामिल समस्त पदाधिकारियों को एवं इस “रजत जयंती समारोह” में शामिल समस्त संगीत प्रेमियों को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं देता हूं।

समारोह के विशिष्ट अतिथि और श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान के प्रदेशाध्यक्ष श्री देशमुख ने कहा इस संस्थान को और इसमें शामिल संगीत साथियों को मैं बीस वर्षों से जान रहा हूं, जब 2006-07 से संगीतज्ञ- श्री श्याम चन्द्रा जी अपने संगीत साथियों के साथ गंगा मैया रामायण मेला बालोद दुर्ग में शामिल होते थे तो एक विशेष आकर्षण के साथ इनकी प्रस्तुति होती थी और टाप मंडली के रूप स्थान प्राप्त कर पुरस्कार प्राप्त करते थे।
उन्होंने कहा इससे और आगे लगभग 40 वर्ष पहले इनके ग्राम पंचायत द्वारा संचालित हाई स्कूल में मैं पढ़ाने गया था तो श्री श्याम भैया जी हारमोनियम बजाकर मानस गायन करते थे बहुत आनंद आता था, अब मैं आज आप सभी को रजत जयंती पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।

इस अवसर पर सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र बोईरदादर रायगढ़ के केन्द्राध्यक्ष उग्रसेन पटेल द्वारा श्याम संगीत सृजन संस्थान सक्ती की रजत जयंती के पावन अवसर पर कुछ भावपूर्ण पंक्तियों प्रस्तुत किया गया, वह इस प्रकार है —
*पच्चीस बरस का संगीत सफर, सुरों की रची कहानी है।*
*श्रद्धा, साधना, समर्पण से संगीतमयी रवानी है।।*
*वीणा के तारों में गूंजे, रागों का नव अनुराग।*
*संस्थान बना एक तीर्थ, जहां मिलता है सुरों का भाग्य।।*
*शिष्य बना है साधक यहां, गुरु हैं ज्ञान का दीप।*
*हर स्वर बन जाए प्रार्थना, यही संस्थान की नीत।।*
*रजत जयंती की यह बेला, गौरवमयी पहचानी है।*
*श्याम संगीत सृजन संस्थान, हम सबका गर्व कहानी है।।*
उन्होंने आगे और कहा कि आज हम सब श्याम संगीत सृजन संस्थान, सक्ती की रजत जयंती – इस गौरवपूर्ण 25 वर्षीय यात्रा के उपलक्ष्य अवसर पर एकत्र हुए हैं, यह केवल वर्षों की गिनती नहीं, बल्कि संगीत साधना, समर्पण और संस्कार की अखंड परंपरा का उत्सव है।

इन पच्चीस वर्षों में संस्थान ने न जाने कितने विद्यार्थियों को स्वर साधना की राह दिखाई होगी, गुरु-शिष्य परम्परा को सजीव रखा और लोक-संगीत व शास्त्रीय संगीत की गरिमा को आगे बढ़ाया, यह संस्थान एक आशा, एक ऊर्जा और एक सांस्कृतिक चेतना का केन्द्र बन चुका है।

हम उन सभी गुरुजनों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और संगीत-प्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिनके सहयोग से यह संगीत यात्रा संभव हुई, मैं संगीतज्ञ- श्री श्याम कुमार चन्द्रा गुरुजी का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने मुझे एक संगीत संस्था “सौरभ श्याम संगीत सृजन केन्द्र बोईरदादर रायगढ़ के नाम से सांगीतिक सेवा कार्य करने का अवसर प्रदान किया। आइये! इस रजत जयंती पर्व श्याम संगीत सृजन संस्थान के 25 वें वर्षगांठ को नव-संस्कारों के साथ मनाएं और अगले चरण में संस्थान को और ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प करें।

संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा जी द्वारा उपस्थित अतिथियों का स्वागत अभिनन्दन किया गया तत्पश्चात् संस्थान द्वारा संचालित कार्य गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय कला संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन एवं सांस्कृतिक विकास व विभिन्न सृजनात्मक कार्य किए जाने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गई है।
इस पच्चीस वर्ष में बहुत ही संघर्ष झेलना पड़ा है वहीं इस संगीत यात्रा में संस्थान के माध्यम से कुछ क्षेत्रीय, राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तरीय के गौरवशाली व महत्वपूर्ण शताधिक सम्मान भी प्राप्त हुए हैं।

संस्थान द्वारा संचालित कुछ ऐसी महत्वपूर्ण योजना हैं जो अभी तक अधूरे ही हैं जिसको पूरे करने का प्रयास जारी है जैसे – प्रदेश के सभी विकासखंडों में श्रीश्याम संगीत सृजन केन्द्र स्थापित किए जाने हैं, श्रीश्याम संगीत प्रदेश मुख्यालय आमनदुला विकासखंड- मालखरौदा, श्रीश्याम संगीताश्रम बरभांठा घोघरी और श्रीश्याम संगीत विश्वविद्यालय सक्ती छत्तीसगढ़ स्थापित किये जाने का प्रयास जारी है, इसी क्रम में श्रीश्याम संगीत सृजन केन्द्र प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, दुर्ग एवं बस्तर पांचों संभाग में संगीत प्रशिक्षण व परीक्षा कार्य संचालित किए जाने हेतु पांचों संभाग में केन्द्र व्यवस्थापकों का मनोनयन कर आज उन्हें संबंधित जिम्मेदारी सौंपी गई।

इस अवसर पर त्रेता चन्द्राकार जी द्वारा सुव्यवस्थित ढंग से मंच संचालन करते हुए अतिथियों का संक्षिप्त परिचय कराया गया एवं संस्थान की समस्त उपलब्धि के बारे में जानकारी दी गई व अध्यक्ष की अनुमति से आभार व्यक्त कर समारोह का समापन किया गया।

 

संगीतज्ञ- श्याम कुमार चन्द्रा
रेलवे काॅलोनी सक्ती, छत्तीसगढ़
संपर्क मो.नं.- 7999451129.

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